नरसिंहपुर- टीआर नेमा फाउंडेशन का वार्षिक समारोह एवं आशा अवॉर्ड अलंकरण वर्ष 2024 एमआईएमटी सभागार में हुआ।मुख्य अतिथि पूर्व राज्यमंत्री जालम सिंह पटेल और डॉ संजीव चांदोरकर थे। अध्यक्षता प्रसिद्ध हास्य कवि सांड़ नरसिंहपुरी ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में इंजी रुद्रेश तिवारी, आचार्य थम्मन शर्मा, साहित्यकार नरेश जैन, विजय नेमा, प्रभुनारायण नेमा व विजय नेमा अनुज रहे। सरस्वती वंदना, अतिथियों के स्वागत के उपरांत फाउंडेशन के सचिव कमल नेमा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

उद्बोधन में अतिथियों ने स्वर्गीय नेमा को किया याद

साहित्यकार नरेश जैन ने कहा कि श्री टीआर नेमा शिक्षाविद्, साहित्यकार, और मानस मर्मज्ञ थे।उन्होंने श्री नेमा के साहित्य पर डॉ धनंजय वर्मा का समीक्षात्मक भी प्रस्तुत किया। ललित बिहारी श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में श्री टीआर नेमा के मानस संदर्भ में अनछुए पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जब वे पचमढ़ी में थे तब वहां से नरसिंह मंदिर में आयोजित मानस आयोजन में शिरकत करने आए थे। वे मानस की संपूर्ण चौपाइयों के अर्थ ज्ञाता थे। डॉ संजीव चांदोरकर ने श्री नेमा की साहित्यिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। आचार्य थम्मन शर्मा ने श्री नेमा को अपना गुरु बताते हुए कहा कि उनकी रचनाओं में ज़िंदगी और इंसान के विषय प्रमुखता से मिलते हैं, वे समाज के बिरले व्यक्तित्व थे उन्होंने श्री नेमा की रचनाएं भी सुनाईं।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने कहा कि यह तथ्य अद्भुत है कि श्री नेमा को मानस की संपूर्ण चौपाईयां अर्थ सहित कंठस्थ थीं। उनका प्रेरक व्यक्तित्व
अनुकरणीय है।कार्यक्रम अध्यक्ष ने कहा कि गुरुवर श्री टीआर नेमा ने लेखन में दृष्टि की व्यापकता का सबक सिखाया जो मेरी सभी रचनाओं में रहा।
 फाउंडेशन के अध्यक्ष साहित्यकार अजय तुलसी ने संचालन करते हुए अपने पिता के  जीवन वृतांत की अछूती बातों को रखते हुए उनकी रचनाओं का पाठ किया।

इन्हें मिला आशा अवार्ड

द्वितीय चरण में अतिथियों ने फाउंडेशन का आशा अवॉर्ड 2024 बालाघाट की कवयित्री श्रीमती तृप्ति माहुले और अमरवाड़ा के समाजसेवी दिनेश नेमा को प्रदान किया। पूर्व में प्रशस्ति वाचन सचिव कमल नेमा ने किया। आयोजन का सह संचालन श्रीमती आयुषी अनादि ने और आभार सचिव कमल नेमा ने किया। आयोजन में साहित्य प्रेमियों व गणमान्य जनों की उपस्थिति रही।