आर्यिका रत्न 105 अनंतमति माताजी का ससंघ वर्षा योग आरंभ
नरसिंहपुर- नगर के पुण्योदय से कंदेली स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में आर्यिका रत्न 105 अनंतमति माताजी के ससंघ वर्षा योग का आरंभ विधि-विधान से हुआ। इस अवसर पर दिव्य कलश स्थापना व मंगलाचरण कर समाज के लोगों ने शास्त्र भेंट किये। 108 आचार्य विद्यासागर महाराज व आचार्य समय सागर महाराज के चित्र का अनावरण धर्मानुरागी कैलाश सोनी, सुशांत पुरोहित एवं समाज के वरिष्ठजनों ने करके चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। पाठशाला के बच्चों ने सांस्कृतिक प्रेरक नृत्य प्रस्तुति दी।
इनको मिला सहभागिता का सौभाग्य
अगले चरण में ध्वजारोहण का सौभाग्य डाॅ राहुल सौधिया को, संयम वर्षा योग चौमासा कलश की स्थापना का प्रथम सौभाग्य बड़भागी श्रीमती रजनी सिंघई, विनोद नायक परिवार को मिला। इसी तरह अन्य संयम कलशों की स्थापना का सौभाग्य समाज के श्रेष्ठजनों को मिला। इस अवसर पर नगर के अलावा अन्य स्थानों के श्रावकों की उपस्थिति बड़ी संख्या में रही।
माताजी ने किया संबोधित
105 अनंतमति माताजी ने अपनी दिव्य देशना में कहा कि ये धरा इसलिये पावन नहीं है कि यहां वर्षा में सावन बरसती है। ये धरा इसलिये पावन है यहां संतों का आगमन और चौमासा होता है। पाषाण को पावन कर संयम का प्रतीक बनाया अपने ही प्रतिबिंब को नूतन आचार्य पद दिया। आचार्यश्री के आर्शीवाद से ही नरसिंहपुर को यह पावन वर्षा योग प्राप्त हुआ। मनुष्य अत्यधिक व्यापार से धन का संचय कर लेता है। इस वर्षा योग में उक्त संचित धन का सदुपयोग कर चौमासे में पुण्य कमाता है।
जैन समाज के प्रतिष्ठान रहे बंद
चौमासा के निमित्त दिगंबर जैन मंदिर में धर्म में माहौल बना हुआ। इसी के चलते शुक्रवार को जैन समाज के सभी प्रतिष्ठान बंद रखकर सभी ने आयोजन में सपरिवार सक्रिय हिस्सा लिया।