भाजपा जिला अध्यक्ष घोषणा की पूरी इनसाइड स्टोरी
नरसिंहपुर- भारतीय जनता पार्टी में संगठन पर्व के तहत जो-जो बातें और योग्यताओं की चर्चा जिलाध्यक्ष नियुक्ति के लिए सामने आती रही। वह तो धरातल पर सच होते नहीं दिखी यह जरूर रहा कि जिला अध्यक्ष मनोनयन में क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल की ताकत जरूर उभर कर सामने आई। लगभग एक पखवाड़े चली उठा-पटक के बाद पटेल गुट के मनमाफिक घोषणा होने से अन्य दो गुटों में मायूसी छा गई। वही गैरगुटीय कार्यकर्ताओं में भी निराशा देखी गई। जिसका सीधा असर जिलाध्यक्ष के पदभार ग्रहण में देखने मिला।
राजनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब सत्ता और संगठन एक ही हो गए। नहीं तो भाजपा की राजनीति में सत्ता अलग रहती है और संगठन अलग रहता है। हालांकि सीधे तौर पर श्री पटेल ने कहीं कोई बयान या जिम्मेदारी नहीं ली, परंतु जिला अध्यक्ष नियुक्ति का सारा संदेश उनके ही पक्ष में गया।
पहले रिजेक्ट, फिर तय
नवनियुक्त जिला अध्यक्ष रामसनेही पाठक का नाम पटेल गुट की तरफ से रायशुमारी में प्रमुखता से सामने आया था। परंतु जब नाम प्रदेश समिति के पास पहुंचा तो संगठन में कार्य करने के अनुभव की कमी को देखते हुए नाम रिजेक्ट हो गया। इसके बाद फिर करेली निवासी बीना ओसवाल का नाम श्री पटेल ने फाइनल करवा दिया। जिसकी घोषणा करने निर्वाचन अधिकारी नरसिंहपुर तक आ गए। इसके पहले ही बात लीक हो गई और अन्य बड़े नेताओं ने संगठन में बात रखी। वही अनेकों शिकायतें भी पहुंचने पर श्रीमती ओसवाल का नाम होल्ड कर दिया गया।
निर्णय के लिए बनी समिति
संगठन से नरसिंहपुर जिला अध्यक्ष का निर्णय करने के लिए कैबिनेट मंत्री द्वय प्रहलाद पटेल, राव उदय प्रताप सिंह व पूर्व राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी को रखकर एक समिति बनाई गई। जिसे फैसला करना था कि कौन जिला अध्यक्ष बनेगा। किन्हीं कारण से इस समिति की बैठक नहीं हो पाई। अंततोगत्वा श्री पाठक का नाम घोषित हो गया।
यह भी थे दावेदार
पटेल गुट की ओर से मोर्चा संभाले हुए थे पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल, जिन्होंने बारीकी से सभी ओर नजर रखकर दावेदार तैयार किए थे। गाडरवारा क्षेत्र से राव उदय प्रताप सिंह (बजरंग दल) महिला नियुक्ति की संभावना को देखते हुए श्रीमती बीना ओसवाल, वही ब्राह्मण कार्ड को देखते हुए श्री पाठक का नाम चलाया गया था। जो रणनीति सफल रही।
वही कैबिनेट मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की ओर से निवर्तमान जिला महामंत्री ठाकुर राजीव सिंह का नाम था। तो संघ की ओर से करेली निवासी उदय ठाकुर का नाम भी मजबूती से विचारणीय रहा। वहीं मनमाफिक दावेदारी तो दो दर्जन लोगों ने की थी। लोधी समाज की राजनीति करने वाले पटेल बंधुओ ने लोधी समाज के ही ठाकुर राजीव सिंह का समर्थन क्यों नहीं किया यह सवाल भी है?
कौन है पाठक
सोशल मीडिया व आम चर्चा में भी नवनियुक्त जिला अध्यक्ष रामसनेही पाठक के बारे में चर्चा होती रही कि यह कौन है? बताया जाता है कि यह आमगांव निवासी हैं व व्यवहारिक व्यक्ति हैं। मूल रूप से पूर्व मंत्री जालम सिंह के करीबी है और पूर्व में करेली ग्रामीण के महामंत्री पद पर रह चुके हैं और कुछ महीने मंडल अध्यक्ष भी रहे। परंतु उम्र ज्यादा होने के कारण उन्हें हटा दिया गया था।