नरसिंहपुर- जो सिद्धांत और नीति की बातें नेताओं के भाषणों व आपस की बातों में सुनाई देती है, वह आचरण में दिखाई नहीं देती। अपने हित साधने का जिसे जहां मौका मिल जाए वह उसे छोड़ता नहीं है। इसके लिए चाहे उसे अपनी ही बातों को छोड़ना पड़े और चाहे कार्यकर्ताओं के समर्पण तथा प्रतिबद्धता की बलि देना पड़े। अपना काम बनता भाड में जाए जनता। ऐसा ही ताजा उदाहरण  क्षेत्र में एक बार फिर देखने मिल रहे है । जिसकी चर्चाएं गली-चौराहों व सोशल मीडिया पर हो रही है। भाग-2 में गाडरवारा विधानसभा की बात।

पशोपेश में कार्यकर्ता और नेता

इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच बड़े पसोपेश की स्थिति बनी है।  इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि भाजपा प्रत्याशी राव उदय प्रताप पहले कांग्रेस में थे, अब भाजपा में है। वही उनके आने से भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए गौतम पटेल के कार्यकर्ता अभी भी बड़ी संख्या में भाजपा में ही है। यह स्थिति असमंजस भरी है। विजय का ऊँट किस करवट बैठेगा सबके लिए चुनौती है। 

कांग्रेस में भी पाए अनेकों पद, भाजपा में भी 

गाडरवारा से भाजपा प्रत्याशी राव उदय प्रताप सिंह 10 साल पहले तक कांग्रेस में रहते चांवरपाठा जनपद अध्यक्ष, फिर 2008 में तेंदूखेड़ा से विधायक फिर 2009 में सांसद बन गए। 2014 में भाजपा में चले गए और दो बार निर्वाचित हो गए। अब अपने क्षेत्र से इतर गाडरवारा से विधायक बनने जोर लगा रहे है।

निर्दलीय में दिखाया दम कांग्रेस से बनी विधायक
 

2013 के चुनाव में  श्रीमती सुनीता पटेल ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडकर 36 हजार वोट लेकर अपनी दम दिखाई। 2018 के चुनाव में कांग्रेस से टिकिट लाकर विधायक निर्वाचित हुई। अब फिर मैदान में है।