नरसिंहपुर- जिन खिलाडियों के कारण कई लोंगो को राजनीति करने का मौका मिलता हो, कुछ का अतिथि बनने का शौक पूरा हो जाता हो व किन्हीं को शासकीय औपचारिकताएं पूरी करने अवसर मिलता है। उन सभी के लिए ये खिलाड़ी अपने-अपने हित साधने का जरिया है। यह इबारत इस खबर में लगी फोटो को देखकर तो यही साबित करती है। घुटनों के बल खड़े खिलाड़ी, हाथ-पे-हाथ रखे खड़े अतिथि व आयोजक "शर्म करों" लिखने मजबूर कर रहे है। 

स्कूलों में मानी जाती है सजा

स्कूलों में तो बच्चों को घुटने के बल खड़ा रखना सजा है। जिस पर FIR का तक प्रावधान है। पर यहाॅ केवल फोटो खिंचवाने तब तक बच्चों को खड़ा रखा गया जब तक दर्जन भर फोटो नहीं उतर गई। आयोजन था खेल एवं युवक कल्याण विभाग के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर के समापन का। फोटो में स्पष्ट है कि महज प्रमाण पत्र के लिए खिलाड़ियों को घंटे भर से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ा और फोटोग्राफी के लिए घुटनों के बल बच्चों व नवयुवतियों को खड़ा रखा गया।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग का आयोजन

न ही जिला खेल एवं युवक कल्याण अधिकारी की महिला होने के बावजूद संवेदना जागी,  न ही अन्य किसी की भी। आयोजन के नाम पर यह पूरी तरह अनुचित गतिविधि कहीं जा सकती है जो खिलाडियों के आत्मविश्वास, व आत्मसम्मान को छोटा करती है। भविष्य में ऐसी अनुचित गतिविधि पर सख्ती से रोक लगना चाहिए।